19 February 2024 Ka Panchang: जानिए सोमवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
Aaj ka Panchang 19 February 2024
Aaj ka Panchang 19 February 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 19 February 2024 का पंचाग...
वार-सोमवार
सूर्या राशि
सूर्य कुंभ राशि पर है
चंद्र राशि
चन्द्रमा मिथुन राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
सूर्योदय:सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 6:57 am
सूर्यास्त: शाम 6:14 pm
विक्रम संवत: 2080 अनला
शक सम्वत: 1945 शोभकृत
पूर्णिमांत: माघ
अमांत: माघ
तिथि
शुक्ल पक्ष दशमी: फरवरी 18 08:15 एएम – फरवरी 19 08:50 एएम
शुक्ल पक्ष एकादशी: फरवरी 19 08:50 : – Feb 20 09:55 एएम
19 फरवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
माघ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि: 19 फरवरी को सुबह 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी.
सवार्थसिद्धि योग: 19 फरवरी को सुबह 10 बजकर 33 मिनट तक.
मृगाशिरा नक्षत्र: 19 फरवरी को सुबह 10 बजकर 33 मिनट तक मृगाशिरा नक्षत्र रहेगा , उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र लग जाएगा.
राहुकाल का समय
दिल्ली: सुबह 08:22 से सुबह 09:46 तक.
मुंबई: सुबह 08:32 से सुबह 09:59 तक.
लखनऊ: सुबह 08:06 से सुबह 09:30 तक.
भोपाल: सुबह 08:17 से सुबह 09:42 तक.
कोलकाता: सुबह 07:33 से सुबह 08:58 तक.
Panchang 13 February - पंचांग 13 फरवरी 2024
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:02 एएम
सूर्यास्त: शाम 6:09 पीएम
विक्रम संवत: 2080, अनला
शक सम्वत : 1945, शोभकृत
पूर्णिमांत: माघ
अमांत:माघ
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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